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Central Jail Udaipur // केंद्रीय सुधार गृह उदयपुर

Central Jail Udaipur Visit


दिनांक 12 नवंबर 2022 को हमारे कॉलेज डॉ. अनुष्का लॉ कॉलेज का सेंट्रल जेल का विजिट रखा था , जिसमे हम 64 साथी तथा  4 कॉलेज स्टाफ के मेंबर भी साथ गए थे |

चलो सबसे पहले हम  Jail के नाम के बारे में जान लेते है की इस स्थान को जेल कहना कहा तक सही है  उनका पूरा नाम केंद्रीय सुधार गृह उदयपुर है | जेल को सुधार गृह कहते है क्योकि वहा पर गलती करने वाले को सुधारने के लिए रखा जाता है | उसको सुधरने को मौका दिया जाता है |

आइये अब हमारा समय हो रहा है , वहा पर 11.00 का हमारा रिपोर्टिंग का टाइम था तो जाते ही हमने सबसे पहले जेलर सर (भगवान सहाय सर) को रिपोर्टिंग दी | उसके बाद हमने रजिस्टर में एंट्री की और अपने सिग्नेचर किये | उसके पच्चात हमारी तलाशी ली गयी , तलाशी के दौरान हमें वहा किसी भी वस्तु चाहे वो कागज , पेन ,  पैसे , पर्स , मोबाइल , डिजिटल घडी किसी भी प्रकार की वस्तुए अन्दर ले जाने की अनुमति नही दी गयी सब बाहर ही रख दिए गए | उसके बाद हमें एक एक को गिन गिन कर मैंन गेट में प्रवेश मिला उसके बाद हमारी एक बार और तलाशी ली गयी उसके बाद वापस गिन गिन कर हमें दुसरे गेट से जेल में प्रवेश मिला | वहा जाते ही हमें जेलर सर ने जेल के बारे में जानकारी दी और बताया की यह जेल राजा महाराजाओ के समय से बना हुआ है , जेल के चारो तरफ 20  फिट ऊची मजबूत दिवार बनी हुई है जिस दिवार पर कन्टिले तार लगे हुए है जिनमे 24 घंटे हाई वोल्टेज करंट रहता है ताकि कोई भी कैदी भागने की कोशिश नही करे।

जेल में अधिकतम 920 कैदी रह सकते है लेकिन यहाँ पर कुल 1276 कैदी है , जिनमे कुछ आजीवन कारावास तथा कुछ अंडर ट्रायल थे | जिसमे एक बैरेक मे 60 या 80 कैदी क्षमता के अनुसार रखे जाते है जो सभी अलग अलग जुर्म में बंद थे जेल में अंडर ट्रायल , मेंटली डिस्टर्ब और आजीवन कारावास , कारखाना  के लिए अलग अलग भाग बने हुए है | सबसे पहले हम वहा अंडर ट्रायल वाले भाग में गए जहा पर कैदियों को अलग अलग कोठरी में कोठरी की क्षमता के अनुसार रखे हुए थे | वहा हम एक कोठरी में गए जहा कुछ कैदी बंद थे , हमें देखकर उनके आँखों में एक नयी उम्मीद की लहर थी , उनमे से एक कैदी ने बोला की वकील साहब हमें आपसे ही उम्मीद होती है की आप हमें बचाओगे अगर कभी हमें आपकी जरुरत पड़े तो आप हमारी मदद करना जिस पर हमने भी हा में सिर हिला दिया | वहा पर सभी कोठरी में रात्रि में जरुरत के लिए वाशरूम बने है , तथा सभी के लिए कॉमन वाशरूम भी बने हुए है | तथा अंदर जो कैदी थे उनमे सभी ने दिवारो पर कुछ न कुछ अखबार के कटिंग के चित्र छिपका  रखे थे किसी ने किसी भगवान के चित्र तो किसी ने बालीवुड एक्ट्रेस के चित्र छिपका  रखे थे । बोले तो अधिकतम बालीवुड के फैन्स थे । 

उसके पच्चात हम वहा गए जहा पर आजीवन कारावास के कैदी कारखाने में अलग अलग काम करते है जहा सबसे पहले एक जगह बिछाने की दरी / चटाई बना रहे थे जो 10 * 20 फिट की होती है जो 20 दिन में बनकर तैयार होती है , जिसमे कैदियों को फिक्स काम दिया जाता है की आपको एक दिन में ये काम करना है उसके बाद हम वहा गए जहा पलंग / खाट बन रहे थे उसके ही पास एक जगह कूलर बन रहे थे | वही पास में एक जगह खाट के लिए लोहा कट रहा था तथा बक्से भी बन रहे थे तथा लकड़ी का काम भी चल रहा था |



उसके बाद हम वहा गए जहा पर कैदियों की शिक्षा के लिए आई.टी.आई. जिसमे उनको मेकेनिकल प्लम्बर  , इलेक्ट्रीशियन के काम को सिखाया जाता ह जिससे वो रिहाई के बाद में अपने जीवन को सुधार सके तथा कोई अच्छा सा काम कर सके | उसके बाद वहा गए जहा आर्गेनिक खेती की जाती है जहा सब्जिया पेड़ पौधे तैयार किये जाते है |

उसके बाद वहा गए जहा सभी कैदियों के लिए खाना बनता है वहा पर सबसे पहले वहा गए जहा कैदियों के प्रतिदिन जरुरत की वस्तुए का स्टॉक था जो जिसको जिस भी चीज की जरुरत होती है उसकी एंट्री कर उसको दिया जाता है | वही पास में रसोई में बड़े बड़े बर्तनों में सब्जी बन रही थी और दाल बन रही थी तथा एक अलग जगह पर रोटी बनाए के लिए  4 मशीने लगी थी जिसमे रोटिया बन रही थी | उसके बाद हम वहा गए जहा कैदियों के पढने के लिए लाइब्रेरी थी थी जिसमे बहुत सी पुस्तके थी जिसमे जो पढने का इच्छुक होते है उनको पढने का समय दिया जाता है | तथा वहा एक कमरे में उनके लिए कंप्यूटर की व्यवस्था है जहा उनको कंप्यूटर सिखाया जाता है जिसमे उनको कंप्यूटर सिखाने के लिए एन. जी. ओ. से कंप्यूटर के एक्सपर्ट आते है जो उनको कंप्यूटर सिखाते है जहा उनको फोटो एडीटिंग , विडियो एड़ीटिंग , टाइपिंग और बेसिक कंप्यूटर सिखाया जाता है | उसके बाद कांफ्रेस रूम में गए जहा कैदी अपने परिवार रिश्तेदारों से मिलते है जहा एक तरफ कैदी रहते है तथा दूसरी और 2 फिट की जगह की दुरी पर दूसरी और उनके रिश्तेदार खड़े रहते है | वही पास में एक जगह उनके लिए टेलीफोन की व्यवस्था है जहा पर उनको प्रतिदिन 5 मिनट का समय दिया जाता है जिसमे वो अधिकतम 4 कॉल कर सकते है जो नंबर उनके फिक्स होते है तथा उनके सभी कॉल रिकॉर्ड होते है |

चलो लास्ट में जाते जाते हम ये भी जानते है की कैदियों की क्या दिनचर्या है और उनके खाने के बारे में जानते है |

कैदियों की दिनचर्या 

सुबह सबसे पहले उनको 5 बजे उठाया जाता है और उनको गिन कर कोठरी से बाहर निकला जाता है जिस समय वो सभी 6 बजे तक फ्रेश होने के बाद उनको चाय नाश्ता दिया जाता है , उसके बाद 9 बजे उनको खाना दिया जाता है जिसमे प्रत्येक कैदी को फिक्स मात्र में आता दिया जाता है जो इस प्रकार है उनमे आजीवन कारावास के कैदियों को 600 ग्राम तथा अंडर ट्रायल वाले कैदियों को 550 ग्राम आटा दिया जाता है | उसके बाद उन सभी कैदियों को 11 बजे वापस गिन कर कोठरी में डाल दिया जाता है , उसके बाद उनको वापस गिन कर बाहर निकला जाता है और  3 बजे और खाना दिया जाता है | खाने में उनको एक सब्जी , एक दाल और उनकी जरुरत के हिसाब से रोटी दी जाती है | 

उन सभी कैदियों में जो आजीवन कारावास के कैदी होते है वो सभी के लिए खाना बनाते है तथा जो अंडर ट्रायल होते है जेल की सफाई , पेड़ पौधो को पानी देना , सब्जी काटना जेसे काम करते है | तथा उनमे जो कारखाने में काम करते है उनको प्रतिदिन का 156 $ का वेतन दिया जाता है जो उनके बैंक खाते में जमा होता है |

कुछ अन्य रोमांचक जानकारी 

आजीवन कारावास के कैदियों को 6 साल 4 महीने बाद उनके चरित्र , अनके आचरण ,और उनका अन्य कैदियों के साथ व्यवहार को देखकर उनको परमानेंट पैरोल पर छोड़ दिया जाता है यानि की उनकी बाकी की सजा सरकार , कमिश्नर ,कलेक्टर द्वारा माफ़ कर दि जाती है | तथा जिनको आजीवन कारावास होता है है उनको 14 साल 7 महीने बाद छोड़ा जाता है |

तथा जेल में प्रत्येक कोठरी में 2 कैदी नियुक्त किये जाते है जो सभी कैदियों का ध्यान रखता है तथा गार्ड को समय समय पर अपडेट देते रहते है जिनमे एक सी.ओ. होता है जो वो बनता है जिसकी सजा 3 वर्ष से ज्यादा की हो तथा एक ___________  होता है जिसकी सजा 3 वर्ष तक की हो | रात्रि में सभी कैदियों को वापस उनके कोठरी में बंद किया जाता है तथा पुलिस गार्ड (आर. ए.सी.) राउंड लगाते है प्रत्येक 2 घंटे में सभी कोठरियों का ताला बजाकर उनकी जानकारी उस कोठरी में नियुक्त सी. ओ. तथा ______ से लेते है | 

जेल में 2 डॉक्टर हमेशा रहते है जो कैदियों के स्वास्थ्य चैकअप के लिए रहते है तथा जेल में ही एक हॉस्पिटल है जहा कैदियों को इलाज किया जाता है अगर किसी केस में कोई कैदी की हालत सीरियस होती है तो उनको बाहर किसी बड़े अस्पताल मे रेफर  किया जाता है जहा उनकी देखरेख के लिए पुलिस होती है |

चलो दोस्तों अब वापस हमें जेल से बाहर आना पड़ेगा 

तो कांफ्रेस रूम देखने  के बाद हमें सभी को एक जगह इकट्टा किया और सभी की गिना उसके बाद वापस सभी को अन्दर के गेट से बाहर निकला तथा वहा इकट्टा किया जहा कैदियों के लिए आये कपडे उनके सामान और उनके रिश्तेदारों को डिटेक्टिव मशीन से चेक किया जाता है जगह बतायी | उसके बाद हमें मैं गेट से वापस गिन कर बाहर निकाला | उसके बाद हमारे साथ जो लडकियों का ग्रुप था उनको महिलाओ के जेल में लेकर गए , जहा हमें नहीं जाने दिया गया | जब हमारे साथी लडकियों को महिला जेल लेकर गए तब एक कैदी जिसकी सजा पूरी हो चुकी थी उसको जेल से छोड़ दिया गया जिसको 14 साल की सजा काटने के बाद जब वो बाहर आ रहा था तब मेने उसको पूछा की आपको कैसा लगा आप इतने लम्बे समय बाद बाहर आ रहे हो तो उसने कुछ और नही बोला केवल इतना बोला की में मर्डर के जुर्म में जेल में था फिर क्या था हमारी उससे कुछ और और पूछने की हिम्मत होती होती उससे पहले हम उससे दूर हो गए वो अपने किसी पडौसी के मर्डर के जुर्म में 14 साल की सजा काट रहा था  | महिला जेल में गए हमारे साथीयो के वापस आने के बाद हमने हमारे साथी लडकियों से व्यंग्य में पूछा की वहा महिलाओ के लिए ब्यूटी पार्लर था क्या उसके बाद जेल के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया की महिला जैल अभी कुछ __________सालो पहले ही बनी है , तथा बताया की पूरी जेल समान ही है उन सभी महिला कैदियों के खाना पुरुष कैदी बनाते है वहा से आता है | महिला जेल अधिकतम क्षमता 75 की है तथा वहा 76 महिला कैदी है। तथा  वहा पर किसी महिलाओ के पास अपने बच्छे भी थे पूछने पर महिला जेलर ने बताया की 6 साल तक के बच्चे को रखने की अनुमति मिलती है , अगर बाहर उनके कोई रखने वाला नही हो तो | तथा उन बच्चो के लिए वहा स्कूल की व्यवस्था भी है जहा उनको पढना लिखना सिखाया जाता है |

जेल में सबसे अच्छी चीज ये लगी की जेल में दीवारों पर बने सभी चित्रों को वही के कैदियों ने बनाया जिनको चित्रकारी की जानकारी है , पूरी जेल को महापुरुषों के चित्रों , अच्छे विचार , महापुरुषों के कथन से दीवारे सजी हुयी थी जो बहुत ही मनोरंजक व अच्छा लगा|



उसके बाद हम सभी वापस कॉलेज बस में बैठकर वापस अपने अपने घर पहुचे और इस प्रकार हमारा ये जेल विजिट पूरा हुआ | 

डाॅ. एस. एस. सुराणा ने बताया की शनिवार को 60 छात्र- छात्राओं के दल ने केन्द्रीय कारागार, उदयपुर का अवलोकन किया। दो घंटे के अवलोकन में जेलर भगवान सहाय मीणा ने छात्र-छात्राओं को केन्द्रीय कारागार में साधारण कारावास, कठोर कारावास व विचाराधीन कैदियों के बैरक, मालखाना, लोहारी उद्योग, खाती खाना, पावरलून उद्योग, लंगर खाना, आईटीआई प्रशिक्षण संस्थान, मुलाकात कक्ष, वीसी रूम, चिकित्सालय का अवलोकन करवाकर इनकी कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। छात्र-छात्राओं ने कारागार में सश्रम कारावास से दण्डित बन्दियों द्वारा विभिन्न उत्पादों जैसे चित्रकारी, दरिया, टेबल-कुर्सी, निवार, कूलर, पलंग, धागा तथा कपड़ा बनाने की विधि के बारे में जानकारी प्राप्त की। छात्र-छात्राओं द्वारा कारागार में राज्य सरकार द्वारा बंदियों के लिए निर्मित पुस्तकालय तथा कम्प्यूटर लेब का भी अवलोकन किया। श्री मीणा ने बताया की केन्द्रीय कारागार, उदयपुर की 920 कैदियों की क्षमता है परन्तु वर्तमान में 1276 कैदी मौजूद है। केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक राजेन्द्र कुमार ने बंदियों को कारागार में लाने, कारागार से न्यायालय ले जाने, बंदियों से मुलाकात का समय, पेरोल, बंदियों के अधिकारों तथा खुले कारागृह से सम्बंधित नियमों की जानकारियां प्रदान की, साथ ही छात्र-छात्राओं द्वारा किये गए प्रश्नों का उत्तर देते हुवे उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।

चलो मिलते है नेक्स्ट ब्लॉग में ऐसे ही और रोचक , मनोरंजक और शिक्षाप्रद तथा लीगल जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ  Law With KR  पर |

धन्यवाद

Written By - KR Choudhary

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11 टिप्पणियाँ

  1. Bhai vaha pr mahilaye ky work krte h apne yehhh ni bataya

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  2. Women's ko waha pr degree,iti ya education related koi course prefer ni k jate h kya Bhaiya

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